[450 शब्द ] Essay on paryavaran in Hindi - paryavaran par nibandh Hindi mein

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picture of save environment

Essay on paryavaran in Hindi - paryavaran par nibandh Hindi mein

SET 1


परिचय :- हमारे चारो ओर उपस्थित सभी चींजे जैसे हवा, पानी, पेड़-पौधे, इत्यादि सभी पर्यावरण के अंतर्गत आते है। ये सभी चीजे मनुष्यों एवं जीव-जंतुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक जीव के लिए एक अच्छा वातावरण का होना बहुत जरूरी है। इनके बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। हमारे जीवन के सभी महत्वपूर्ण चीजें हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होते है।


जैसे हवा के बिना हम सांस नहीं ले सकते, बिना सांस के हम जीवित नहीं रह सकते है। पर्यावरण हमारे जीवन के लिए इतना महत्वपूर्ण होते हुए भी हम इसे जान बूझ कर ख़राब कर रहे है। हम विकाश के दौड़ में आगे जरुर हो रहे है पर साथ ही साथ हम अपने पर्यावरण को भी दूषित कर रहे है।


दूषित पर्यावरण का कारण:- आजकल लगभग सभी जगह बड़े बड़े कारखाने लगे है। इन कारखानों से निकलने वाले हानिकारक धुवां एवं कूड़ा करकट वायु एवं जल को प्रदूषित कर पर्यावरण को नुकसान पहुचा रहे है। केवल कारखाने ही नहीं सड़क पर चलने वाली गाड़ियां भी हवा को प्रदूषित कर रही है। हर एक चीज जिसे हम उन्नति समझ रहे है असल में वह हमारे लिए और हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।


इन सभी चीजो का दुष्प्रभाव हमें तुरंत दिखाई नहीं देता। इसका दुष्प्रभाव जैसे जलवायु परिवर्तन, मनुष्यों में रोग आदि लंबे समय में दिखाई देते हैं। यही कारण है की हम पर्यावरण के बचाव के प्रति ध्यान नहीं देते है। लेकिन हम अपने पर्यावरण को ऐसे बर्बाद होते नहीं देख सकते है। हम सब को इसके प्रति जागरूक होने की जरुरत है।


उपाय:- पर्यावरण को शुद्ध करने के कुछ उपाय है। जिसमे हमें अपने घरों तथा आसपास में गन्दगी न होने दे। हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिन लोगो को पर्यावरण एंव इसके महत्व के बारे में लोगो को जागरूक किया जाता है। हमें अपने स्तर पर लोगों को पर्यावरण के महत्व और इसके संरक्षण के बारे में भी बताना चाहिए। पर्यावरण को सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है इसे हमें भूलना नहीं चाहिए।


SET 2


भूमिका:- पुरे जीव-जगत ( मनुष्य, पशु-पक्षी, कीड़े-मकोड़े और पेड़-पौधे ) के लिए भोजन के साथ-साथ जल और हवा बहुत ही आवश्यक तत्व है। जो हमारे पर्यावरण का मुख्य अंग है। पर्यावरण का अर्थ है, बाहरी आवरण। पृथ्वी पर उपस्थित हवा, पर्वत, नदी, पेड़-पौधे इत्यादि, यह सब मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते है। प्रकृति ने पर्यावरण के ये तत्व हमें बहुत ही आसानी से उपलब्ध कराये है। पर्यावरण से प्राप्त हवा और जल हमारे जीवन के लिए सबसे जरुरी अवयव है।


महत्त्व:- शुद्ध एवं स्वच्छ पर्यावरण मनुष्य को स्वस्थ रहने में मदत करता है। हरे भरे पेड़ पौधे हवा में उपस्थित हानिकारक कार्बन-डाई-ऑक्साइड को सोखते है। और बदले में ऑक्सीजन गैस हवा में छोड़ते है। फिर सजीव प्राणी इस ऑक्सीजन गैस साँस में लेते है। ऑक्सीजन गैस जीवन का रक्षक है।


जल का होना भी हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक है, जल सम्पूर्ण स्वस्थ शरीर का आधार है। यह हमारे शरीर में भोजन को पचाता है। जिससे हमें उर्जा और स्फूर्ति मिलती है। पहाड़ - पर्वत भी हमारे पर्यावरण के लिए जरुरी है यह धरती पर वर्षा करने में सहायक होते है। हिमालय जैसे प्रवतो से तो कई नदियाँ निकलती है जो लोगों के बहुत काम आती है।


पेड़-पौधो से हमे विभिन्न प्रकार की भोजन-सामग्री फल-फुल इमारती लकड़ियाँ और जड़ी-बूटियों आदि मिलती है। हरे पेड़-पौधे हवा से जहरीली गैसों को शोषित कर पर्यावरण को शुद्ध बनाते है।


प्रदुषण:- सभी जीवों के लिए हमारा पर्यावरण का शुद्ध होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। परन्तु बढती जनसंख्या और उसकी आवश्यकताओ की वजह से पर्यावरण प्रतिदिन दूषित हो रहा है। विश्व-स्तर पर यह स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। वायु-प्रदुषण का मुख्य कारण कारखानों की चिमनियो से निकक्लने वाले धुंए है, अपशिष्ट पदार्थों का नदी नालों में निवारण इत्यादि है।


जिनसे हृदय-सम्बंधी जैसी गंभीर बिमारियों में वृद्धि हो रही है। कारखानों और रिहायशी मुहल्लों से निकलने वाले कचरों को नदियों तालाबो और समुद्रो में बहाया जा रहा है। इससे पानी हर जगह अशुद्ध हो रहा हुई। तरह-तरह की बीमारियाँ फ़ैल रही है। हरे पेड़-पौधे को काटे जाने से हवा में जहरीली गैसे बढ़ रही है। और सूर्य की पराबैगनी किरणों से बचाने वाली ओजोन परत नष्ट हो रही है।


उपसंहार:- शुद्ध पर्यावरण मनुष्य के जीवन में अनिवार्य अंग की तरह है। इसका प्रदूषित होना जीव-जगत के लिए खतरनाक है। अतः दुनिया के हर व्यक्ति का यह कर्तव्य हो जाता है। कि वह अपने आसपास के पर्यावरण को शुद्ध एवं स्वच्छ रखने का प्रयास अवस्य करे।



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