Essay on Water Pollution in Hindi - Jal pradushan par nibandh

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jal pradushan par nibandh

Essay on Water Pollution in Hindi - Water Pollution par nibandh Hindi mein

भूमिका: जल ही जीवन है इस बात को हम सभी लोग जानते हैं। और हमारे शरीर का अधिकांश भाग का निर्माण जल के द्वारा हुआ है। इसके बावजूद भी मनुष्य जल को प्रदूषित कर रहा है। जिसके फलस्वरूप जल प्रदूषण की समस्या आज की तारीख में भारत में उत्पन्न हो गई है। क्योंकि भारत में रहने वाले अधिकांश लोग जल में ही हानिकारक पदार्थों का बहाव करते हैं। जैसे मल-मूत्र कूड़ा, कचरा इत्यादि सभी नदी या तालाब के पानी में ही डालते हैं।


जिसके कारण जल के अंदर हानिकारक पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है और जल प्रदूषित हो जाता है। अगर हम इसी प्रकार जल को प्रदूषित करते रहे तो 1 दिन ऐसा आएगा कि हमारे लिए पीने का पानी ही नहीं बचेगा इसलिए हम सबको जल को स्वच्छ और साफ रखना चाहिए।


जल प्रदूषण का अर्थ: जब नदी तालाब और दूसरे प्रकार के जल स्रोतों में कहीं से भी अगर कूड़ा कचरा गंदगी आकर जल के अंदर जमा हो जाती है। जिसके कारण जल का प्रकृतिक स्वभाव विषैला हो जाता है उसे हम लोग जल प्रदूषण कहते हैं। इस प्रकार का जल ना पीने के लायक होता है और ना ही आप इसका इस्तेमाल दूसरे प्रकार के आवश्यक चीजों में कर सकते हैं। इस प्रकार के जल का इस्तेमाल अगर आप करते हैं तो आपके स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


जिसके फलस्वरूप आपको कई प्रकार के गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ेगा। जल प्रदूषण की सबसे विकट समस्या विकसित देशों में आज की तारीख में देखी जा रही है। विश्व संगठन के अनुसार स्वच्छ जल का पीएच मान 7.5% से लेकर 8% के बीच होना चाहिए।


जल प्रदूषण के कारण: जल प्रदूषण विभिन्न प्रकार के कारणों से होता है जैसा की हमलोग जानते है कि कई लोग पानी में जाकर कपड़ों की धुलाई करते हैं। जिससे कपड़ों की गंदगी पानी में जाकर मिल जाती है। जिससे पानी प्रदूषित हो जाता है इसके अलावा गाय और भैंसों को पानी नहलाना और उनका मल मूत्र पानी में सम्मिलित होना। इन सभी कारणों से भी जल प्रदूषित होता है और कई लोग नदी और तालाबों के किनारे कचरा और कूड़ा भी फेंकते हैं।


जिससे हमारा जल प्रदूषित हो जाता है। देश में जिस प्रकार कल कारखानों की संख्या बढ़ रही है उनके कारण भी हमारा जल प्रदूषित हो रहा है । जैसा की हम जानते है कि आज की तारीख में पेट्रोल के पाइप लाइन समुद्री मार्ग के द्वारा ही दूसरे देशों तक पहुंचाए जाते हैं। और ऐसे में जब इन पाइपों के द्वारा पेट्रोल और डीजल का रिसाव होता है तो वह जल में जाकर मिल जाते हैं।


जिससे हमारा जल प्रदूषित हो जाता है। कई जगह तो जल में जानवरों और मनुष्य के मृत शरीर को बहाया जाता है इससे भी जल में प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है। भारत में जब धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं तब मूर्तियों को जल में जाकर ही विसर्जित किया जाता है इससे भी हमारा जल प्रदूषित होता है।


जल प्रदूषण के प्रकार: जल प्रदूषण निम्नलिखित प्रकार के होते हैं जिसका विवरण इस प्रकार है

  • भौतिक जल प्रदूषण: भौतिक जल प्रदूषण का मतलब होता है कि जल का स्वाद, गंध और ऊष्मीय गुण में बदलाव का होना।
  • रासायनिक जल प्रदूषण: रासायनिक जल प्रदूषण का मतलब होता है कि जब जल में कल कारखानों से निकलने वाले हानिकारक पदार्थ जल में आकर मिल जाते हैं तो उनसे जल के अंदर रसायनिक पदार्थों की वृद्धि होती है और उसे हम लोग रसायनिक जल प्रदूषण कहते हैं।
  • जैविक जल प्रदूषण: जब पानी के अंदर अनेकों प्रकार के कीटाणुओं और बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं जिसके फल स्वरुप जल इतना दूषित हो जाता है कि का अगर आप इस्तेमाल करते हैं तो आप अनेकों प्रकार के गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं इसको ही हम लोग जैविक जल प्रदूषण करते हैं।

    • जल प्रदूषण गंभीर समस्या है: आज की तारीख में जल प्रदूषण हमारे लिए एक प्रकार की गंभीर समस्या है अगर इसी प्रकार हमारा जल प्रदूषित होता रहा तो हम अनेकों प्रकार के गंभीर बीमारी के शिकार हो जाएंगे। इसके अलावा पृथ्वी पर व्याप्त शुद्ध जल में कमी आएगी और हमें पीने लायक पानी नहीं मिल पाएगा। जिसके फलस्वरूप अगर पानी ही नहीं होगा तो कोई भी प्राणी इस पृथ्वी पर जीवित नहीं बचेगा । इसलिए पृथ्वी पर प्राणियों के अस्तित्व को बचाने के लिए हमें जल प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए।


      तभी जाकर हम अपना अस्तित्व बचा पाएंगे पहले के समय लोग नदी और तालाबों के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करते थे उसमें पानी काफी शुद्ध और स्वच्छ हुआ करता था लेकिन आधुनिक युग के इस होड़ में मानव ने पानी को काफी प्रदूषित कर दिया है उस पानी का इस्तेमाल आप पीने के लिए नहीं कर सकते हैं अगर आप ऐसा करते हैं तो आप कई गंभीर बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं ।


      जल प्रदूषण के द्वारा उत्पन्न गंभीर बीमारी प्रत्येक मानव और जीव जंतु के लिए घातक है विशेष सर पर छोटे बच्चों के लिए इसलिए हमें जल प्रदूषण की समस्या को रोकना होगा तभी जाकर इस पृथ्वी पर पानी के अस्तित्व को हम बचा पाएंगे ।


      जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव जल प्रदूषण के कारण हमारे सामने इसके घातक परिणाम आ रहे हैं। अगर कोई भी मानव या जीव-जंतु प्रदूषित पानी पीता है तो वह गंभीर बीमारी का शिकार हो जाता है। जिस प्रकार दुनिया आधुनिकरण के तरफ तेजी से भाग रही है ऐसे में जल में प्रदूषण की समस्या काफी तेजी के साथ बढ़ रही है। जिसका खामियाजा आने वाले पीढ़ी को भी उठाना पड़ सकता है। और आए दिन जल में रहने वाले जीव जंतुओं के मौत के आंकड़े इस बात के सबूत हैं कि पानी में प्रदूषण की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है।


      और अगर इसी कर्म से बढ़ता रहा है तो पानी में रहने वाले जीव जंतुओं का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। पानी में रहने वाली मछलियां जल का प्रदूषित होने की वजह से मर रही हैं। जिससे पानी में मछलियों की संख्या में कमी हो रही है और इसका सीधा असर मछुआरों पर पड़ रहा है। जो मछली का कारोबार कर अपना जीवन यापन व्यतीत करते हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां के अधिकांश जनसंख्या कृषि के कार्य से अपना जीवन यापन करती हैं। ऐसे में कृषि करने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता होती है और अगर हमारा जल प्रदूषित है तो इससे आपके खेत की जो उपज क्षमता है उसमें कमी आएगी और आपका खेत पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।


      जल प्रदूषण से होने वाली प्रमुख बीमारियां: जल प्रदूषण से भिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं जैसे- टाईफाइड, पीलिया, हैजा, गैस्ट्रिक, चर्म रोग, पेट रोग, दस्त, उल्टी, बुखार आदि।

      जल प्रदूषण से बचने के उपाय: जल प्रदूषण से बचने के लिए हमें निम्नलिखित प्रकार के उपाय का इस्तेमाल करना चाहिए जो इस प्रकार है-

      • मोहल्ले की नियमित रूप से हमें साफ सफाई रखनी होगी विशेष तौर पर नालों की सफाई तो प्रतिदिन करनी चाहिए तभी जाकर आप जल प्रदूषण की समस्या को समाप्त कर सकते।
      • जल निकासी के लिए पक्की नालियों की व्यवस्था करनी होगी। कूड़ा कचरा और मल मूत्र के लिए एक निश्चित जगह निर्धारित करें।
      • प्रदूषित जल को शुद्ध करना होगा इसके लिए आप वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल करें।
      • नदी और तालाब के पास कपड़े धोने बर्तन मांजने गाय और भैंस को नहाने इत्यादि जैसी गतिविधियों पर रोक लगाना होगा तभी जाकर आप जल को प्रदूषित होने से बचा पाएंगे।
      • नदियों तालाबों में समय-समय पर ऐसे रासायनिक तत्वों का छिड़काव करें जिससे जल में सम्मिलित हानिकारक पदार्थों को नष्ट किया जा सके।
      • जल प्रदूषण को कैसे कम किया जा सके इसके लिए आपको जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है ताकि लोगों को मालूम चल सके कि जल प्रदूषण को कम कैसे किया जाएगा और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसका दुष्परिणाम आपके ऊपर क्या होगा इससे जुड़ी जानकारी उनको दे।
      • लोगों को पर्यावरण संबंधित शिक्षा देनी चाहिए।
      • सरकारों के द्वारा नियमित अंतराल पर नदी तालाबों की साफ सफाई करनी चाहिए।
      • सरकार को विज्ञापन के माध्यम से आम लोगों को जल प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देनी चाहिए।


      उपसंहार: जल हमारे पृथ्वी का एक अमूल्य संपदा है और इसे बचाना हम सभी लोगों का कर्तव्य अगर हम इसी प्रकार जल को प्रदूषित करते रहेंगे तो 1 दिन पृथ्वी पर पीने का पानी ही नहीं बचेगा। इससे हमारा जीवन खतरे में पड़ सकता है इसलिए हमें सही वक्त पर जल को प्रदूषित होने से बचाना है ताकि हमें भविष्य में पीने के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी मिल सके।





      F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )

      1. जल प्रदूषण क्या है?
      2. जब नदी तालाब और दूसरे प्रकार के जल स्रोतों में गंदगी आकर जल के अंदर जमा हो जाती है। जिसके कारण जल का प्रकृतिक स्वभाव विषैला हो जाता है उसे हम लोग जल प्रदूषण कहते हैं।

      3. जल प्रदूषण कितने प्रकार के हैं?
      4. जल प्रदुषण मुख्यता 3 प्रकार के होते है :- 1. भौतिक जल प्रदुषण, 2. रासायनिक जल प्रदुषण, 3. जैविक जल प्रदुषण।

      5. जल प्रदुषण के कारण ?
      6. औद्योगिक कूड़ा,कृषि क्षेत्र में अनुचित गतिविधियां,मैदानी इलाकों में बहने वाली नदियों के पानी की गुणवत्ता में कमी,सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज, जैसे पानी में शव को बहाने, नहाने, कचरा फेंकने,जहाजों से होने वाला तेल का रिसाव।


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