[ 600 शब्द ] Essay on Gender Discrimination in Hindi - लैंगिक भेदभाव पर निबंध

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essay on gender discrimination in hindi

Gender Discrimination par nibandh Hindi mein

भूमिका: आज हमारे देश में लैंगिक भेदभाव एक गंभीर समस्या है। लोग आज भी लड़का और लड़की में भेदभाव करते हैं। लोगों का विश्वास है कि अगर लड़का हुआ तो उनके परिवार के लिए काफी अच्छा है। लड़के बड़े होकर मां-बाप का सहारा बनेंगे और इसके अलावा लड़के की शादी जब वह करेंगे तो भारी भरकम उन्हें दहेज भी प्राप्त होगा। इसलिए लोग लड़कों को बहुत ज्यादा ही प्राथमिकता देते हैं लड़कियों के मुकाबले।


लेकिन लैंगिक भेदभाव की समस्या को समाप्त करना बहुत ज्यादा आवश्यक है। क्योंकि अगर ऐसा रहा तो 1 दिन देश और दुनिया दोनों जगह लड़कियों की संख्या में कमी हो जाएगी और ऐसा हुआ तो सामाजिक व्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।


लैंगिक भेदभाव का अर्थ क्या होता है: लैंगिक भेदभाव का मतलब होता है समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव उनके साथ दुर्व्यवहार करना। इसके अलावा जो भी अधिकार पुरुषों को प्राप्त है उनसे महिलाओं को वंचित करना विशेष तौर पर भारत में।


लैंगिक भेदभाव की विचारधारा तेजी के साथ प्रसारित प्रसारित हो रही है। जिसके कारण देश में कन्या भ्रूण हत्या जैसी गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो रही है। लोग लड़कों की चाह में लड़कियों को जन्म से पहले ही मार दे रहे हैं। भारत में सरकार ने इसके लिए कानून में बनाया है की जन्म से पहले बच्चे का लिंग का आप परीक्षण नहीं कर सकते हैं। लेकिन फिर भी कई जगहों पर चोरी छुपे लोग जन्म से पहले ही लिंग का परीक्षण कर लेते हैं। और जब उनको मालूम चलता है कि लड़की है तो उसे गर्भ में ही मार देते हैं।


लैंगिक भेदभाव के कारण क्या है: लैंगिक भेदभाव जैसी समस्या उत्पन्न होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि लोगों का विश्वास है की अगर लड़का पैदा होता है तो बुढ़ापे में उनका सहारा बनेगा इसके अलावा लड़का पैसे कमाकर घर की आर्थिक स्थिति को संभाल लेगा और वंश को आगे बढ़ाएगा। इसलिए लोग लड़कों को लड़कियों के मुकाबले ज्यादा तरजीह देते हैं। इसके अलावा शादी होने पर वह अच्छा खासा पैसा दहेज के रूप में प्राप्त कर सकते हैं।


सबसे बड़ी बातें की लड़कियों के साथ भेदभाव प्राचीन काल से ही चला रहा है। प्राचीन काल में लोगों का विश्वास था कि लड़कियों का प्रमुख कर्तव्य घर संभालना है। उनके लिए बाहर जाना वर्जित था। इसके कारण लड़कियों को प्राचीन काल में शिक्षा की प्राप्ति नहीं होती थी। जिसके फल स्वरुप लड़कियों के स्थिति समाज में कभी भी मजबूत नहीं हो पाई।


लैंगिक भेदभाव की समाप्ति के उपाय:

  1. समाज में जागरूकता अभियान चलाना होगा ताकि लोगों को समझ में आ सके कि लड़कियां लड़कों से किसी भी मामले में कम नहीं है।
  2. लड़कियों के शक्तिकरण करने के लिए सरकार को कई प्रकार के जन हितकारी योजना का संचालन करना चाहिए ताकि लड़कियां सशक्त और मजबूत बन सके।
  3. सरकार के द्वारा दहेज प्रथा, बाल विवाह प्रथा, शारीरिक और मानसिक शोषण से संबंधित जितने प्रकार की कुपरंपरा और प्रथाएं हैं उनके लिए कठोर से कठोर नियम और कानून बनाएं चाहिए ताकि समाज में लड़कियों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जा सके।
  4. महिलाओं के साथ हो रहे घरेलू हिंसा को रोकने के लिए घरेलू हिंसा से संबंधित और भी कठोर कानून सरकार को बनाने चाहिए ताकि महिलाओं के साथ हो रहे घरेलू हिंसा को रोका जा सके।
  5. समाज के प्रभावशाली पुरुषों को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें बढ़-चढ़कर महिलाओं के हित के लिए भी काम करना चाहिए ताकि समाज में महिलाओं को सशक्त और मजबूत करने में मदद मिले।


उपसंहार : भारत जैसे विशाल देश में लड़कियों के साथ भेदभाव की समस्या अधिक है। लेकिन सरकार और कई सामाजिक संस्थाओं के द्वारा दिन रात काम किया जा रहा है और भारत में इस समस्या को काफी हद तक समाप्त भी किया गया है। लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में और भी ज्यादा प्रयास की जरूरत है ताकि भारत में सेक्सुअल भेदभाव जैसी समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।





F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )

  1. लैंगिक भेदभाव किसे कहते है ?
  2. लैंगिक भेदभाव का मतलब होता है समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव उनके साथ दुर्व्यवहार करना।

  3. लैंगिक भेदभाव को अंग्रेजी में क्या कहते है ?
  4. लैंगिक भेदभाव को अंग्रेजी में जेंडर डिस्क्रिमिनेशन (Gender Discrimination) कहते है।

  5. लैंगिक भेदभाव के कारण कौनसी सामाजिक कठिनाई होती है ?
  6. लैंगिक भेदभाव के कारण लिंग अनुपात में अधिक अंतर जैसे सामाजिक कठिनाई होती है ?


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