[ 650 शब्द ] Essay on Global Warming in Hindi - ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध

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essay on global warming in hindi

Global Warming par nibandh Hindi mein

भूमिका: ग्लोबल वार्मिंग यकीनन एक गंभीर समस्या है और ऐसे में इस समस्या का समाधान सभी देशों को मिलकर निकालना होगा। नहीं तो इस पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। जिस प्रकार पृथ्वी के सतह का तापमान तेजी के साथ बढ़ रहा है अगर ऐसे में उसके तापमान को रोका ना गया तो एक दिन पृथ्वी पर उपस्थित सभी ग्लेशियर पिघल जाएंगे और पूरे पृथ्वी पर पानी का सैलाब आज आएगा। इस सैलाब से कोई भी नहीं बच पाएगा और पूरे मानव जाति और जीव-जंतुओं का विनाश हो जाएगा। इसलिए ग्लोबिंग वार्मिंग की समस्या का समाधान करना होगा तभी जाकर पृथ्वी पर मानव का अस्तित्व बच पाएग।


ग्लोबल वार्मिंग के प्रमुख कारक: ग्रीन हाउस गैस जैसे CO2, मीथेन, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के प्रमुख कारण है। जिसका सीधा प्रभाव पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीव जंतुओं पर पड़ रहा है। इसके कारण ग्लेशियर तेजी के साथ पिघल रहे है और समुद्री स्तर में वृद्धि हो रही है। ऐसे में अगर इसे ना रोका गया तो आप यकीन मानिए की सुनामी से भी खतरनाक सैलाब आएगा जिसमें पूरी दुनिया नष्ट हो जाएगी। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या का जिम्मेदार स्वयं हम है हमारे कारण वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा तेजी के साथ बढ़ रही है।


ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव: ग्लेशियर नेशनल पार्क पर 150 ग्लेशियर थे जो आज की तारीख में केवल 20 बचे हैं अधिकांश ग्लेशियर पिघल कर पानी का रूप ले चुके हैं। ऐसे में अगर ग्लोबल वार्मिंग को ना रोका गया तो जितने भी ग्लेशियर हैं वह पिघल कर जल का रूप ले लेंगे और अगर ऐसा हो जाता है तो पूरे पृथ्वी पर सुनामी से भी खतरनाक सैलाब आएगा। जिसमें पृथ्वी का कोई भी हिस्सा नहीं बचेगा। चारों तरफ पानी ही पानी हो जायेगा और ऐसे में मानव और जीव जंतु सभी का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। इसलिए हमें ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते हुए भीषण कारी प्रभाव को रोकना होगा।


ग्लोबल वार्मिंग के कारण वातावरण में कई सारे बदलाव देखने को मिलते हैं। जैसे अचानक से गर्मी का बढ़ना, ठंडा का कम हो जाना, चट्टानों का पिघलना, हवा चलना, बिना मौसम के वर्षा होना, तूफान, बर्फ के चट्टानों का पिघलना, बाढ़, सूखा, चक्रवात, भूकंप जैसी घटनाएं घटित होती है।


ग्लोबल वार्मिंग रोकने के लिए क्या करना चाहिए: सरकारी एजेंसियों, व्यवसाय प्रधान, निजी क्षेत्र, NGOs आदि के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए ताकि लोगों को ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले नुकसान और उसके प्रभाव को बताया जा सके। ताकि लोग जागरूक हो सके और उनको भी समझ में आए कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या किस प्रकार मानव जाति के लिए खतरनाक है। इसके अलावा हमें हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम करना होगा तभी जाकर ग्लोबिंग वार्मिंग की समस्या को कम किया जा सकता है।


ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाली गाड़ियों के इस्तमाल को बढ़ावा दिया जाय। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने के तरीकों को गंभीरता से पालन किया जाय। इसके अलावा जो भी वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत हैं जैसे पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा ऐसे उर्जाओं के उपयोग को भी प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को रोका जा सके।


उपसंहार: ग्लोबल वार्मिंग पुरे विश्व के लिए एक खतरा है अगर इस खतरे को आज ही समाप्त नहीं किया गया तो एक समय ऐसा आयेगा की पुरे पृथ्वी का विनाश निश्चित है। इसलिए ग्लोबिंग वार्मिंग जैसी समस्या से निपटने के लिए विश्व स्तर पर सभी देशों को मिलकर सामूहिक प्रयास करना चाहिए । हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ में ग्लोबिंग वार्मिंग जैसे गंभीर विषय पर समय-समय पर कई बड़े देशों के द्वारा मीटिंग की जाती है और इस मीटिंग में भारत भी भाग लेता है। ग्लोबिंग वार्मिंग जैसी समस्या को रोकने में भारत एक अहम भूमिका निभा सकता है और भारत सरकार इस दिशा में तेजी के साथ काम भी कर रही है।





F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )

  1. ग्लोबल वार्मिंग क्या है ?
  2. पुरे पृथ्वी के वातावरण में बढ़ते तापमान के कारण ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न होता है, जिसके कारणहानिकारक गैसों का निर्माण होता है जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड, क्लोरो फ्लोरो कार्बन इत्यादि यह सब मिलकर प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ देते है। जिसके कारण प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाती है, जैसे भूकंप, तूफान, चक्रवात, सुनामी, इत्यादि।

  3. ग्लोबल वार्मिंग के क्या नुकसान है ?
  4. ग्लोबल वार्मिंग पुरे विश्व स्तर की समस्या है या यूँ कहे की यह पुरे जीव जगत की बहुत बड़ी समस्या है।

  5. ग्लोबल वार्मिंग किस प्रकार की समस्या है ?
  6. विनाशकारी बाढ़ के मौजूदा पैटर्न, चक्रवातों की बढ़ती तीव्रता, बार-बार सूखा और बढ़ता तापमान सभी ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम हैं।


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