[ 450 शब्द ] Essay on Subhash chandra bose in Hindi - Subhash chandra bose par nibandh Hindi mein

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Simple essay on subhash chandra bose in Hindi - subhash chandra bose par nibandh Hindi mein

परिचय:- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हमारे देश के एक महान और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। उन्हें जोशपूर्ण देशभक्ति का एक प्रतिक माना जाता है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और महात्मा गांधी के विचार कभी नहीं मिले लेकिन दोनों नेताओं का लक्ष्य एक ही था और वह था "भारत की आजादी"। महात्मा गांधी नर्म दल के नेता थे और सुभाष चंद्र बोस क्रांतिकारी दल का नेतृत्व कर रहे थे। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अहिंसा से नहीं बल्कि बल पूर्वक आजादी के लिए जाने जाते थे।


जन्म और शिक्षा:- सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा राज्य के कटक गाँव में हुआ था। उनका परिवार बहुत ही सुखद एवं संपन्न था। सुभाष चंद्र बोस के 7 भाई और 6 बहनें थीं। अपने माता-पिता के 14 बच्चों में वह 9 वीं संतान थे। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था। सुभाष चंद्र बोस ने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने गाँव के स्कूल से ही प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया।


यहां से साल 1915 में उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। उनके माता पिता चाहते थे कि सुभाष चंद्र बोस भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाएं। सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए उन्हें इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय भेजा गया था।


देश में उनका महत्व:- भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हर साल 23 जनवरी को मनाई जाती है। इस साल यानि की 2022 से भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह 24 जनवरी के बजाए 23 जनवरी से मनाने का फैसला लिया है। यह फैसला सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल करने के लिए किया गया। अब से हर साल सुभाष चंद्र बोस की जयंती से गणतंत्र दिवस समारोह का प्रारंभ होगा।


भारत सरकार का यह निर्णय नेताजी के सम्मान और देश की स्वतंत्रता में उनके संघर्षों को याद रखने के लिए लिया गया है। इस साल भारत सुभाष चंद्र बोस की 124वीं जयंती मना रहा है।


देश की आजादी में योगदान:- सुभाष चंद्र बोस एक वीर सैनिक, योद्धा, महान सेनापति और कुशल राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने देश को अंग्रेजों की गुलामी और क्रूरता से आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की। उन्होंने हर भारतीय को आजादी का महत्व समझाने के लिए जगह जगह जाकर लोगो को प्रोत्साहित किये। वह केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' का नारा दिया।


निष्कर्ष:- उनके द्वारा देश की आजादी के लिए किये गये कार्यों को देश के बच्चे-बच्चे को जानना और उनसे प्रेरणा लेकर देश के प्रति भक्ति भाव को जगाना जरूरी है। आजादी हमें कितने बलिदानों के बाद मिला है इस बात को हमें कभी नहीं भूलना चाहियें।



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