[ 350 शब्द ] Essay on gramya jeevan in Hindi - gramya jeevan par nibandh Hindi mein

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gramya jeevan par nibandh

[300]Essay on gramya jeevan in Hindi - gramya jeevan par nibandh Hindi mein

भूमिका:- भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि कार्य अधिक से अधिक गाँवो में ही होता है। अतः भारत में गाँवो और ग्राम्य जीवन को देश का आधार माना जाता है। ग्राम्य जीवन उस जिंदगी या परिवेश का नाम है जहाँ सादगी सचाई मेहनत प्रेम और प्रकृति के विराट दर्शन होते है।


प्राकृतिक सौन्दर्य:- गाँवो में शहरो कि तरह बड़े-बड़े भवन नहीं होते है जिससे यहाँ प्रकृति कि सुन्दरता का पूर्ण आनंद मिलता है। यहाँ प्रकृति सजी-धजी और मनोहारी होती है। चारो ओर हरियाली खेतो में लगे सरसों के फुल,धान और गेंहू कि बालियाँ आम कि मंजरियाँ और खुला वातावरण समूचे परिवेश को मनोहर और सुगन्धित बनाते है। ग्राम्य जीवन प्रकृति का सच्चा स्वरुप है जहाँ प्रकृति भी प्रसन्न रहती है।


महत्व:- भारतीय ग्राम्य जीवन प्राचीन सभ्यता और संस्कृति कि धरोहर होने के साथ उसका संरक्षण भी है। आधुनिक चमक-दमक और दिखावे कि होड़ में भी इसने अपने मूल स्वरुप को बनाये रखा है। यहाँ का जीवन इर्ष्या धोखाधड़ी और आपसी मनमुटाव से अकसर दूर होता है। गाँवो कि आबादी शहरो कि अपेक्षा कम है यहाँ का पर्यावरण शुद्ध होने के कारण स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अनुकूल है। आधुनिक परिवेश में केवल खेती से जुड़े लोग ही गाँवो में रह गये है।


यहाँ दूर दूर तक फैले विशाल भू-भागों में विभिन्न प्रकार की फसले उगाई जाती है। इन फसलो से हमारा जीवन खुशहाल होता है। यह परिवेश वह कर्मभूमि है जिसके बिना हमारा जीवन सुखी-संपन्न और पूर्ण नहीं हो सकता है।


ग्राम्य जीवन कि स्थिति:- विकास कर्म में भारतीय गाँवो कि स्थिति भी प्रभावित हुई है। यद्यपि यहाँ बिजली, डाकघर, रेडियो, दूरदर्शन, इन्टरनेट और सिनेमा तक पहुँच गये है। तथापि इनका शहर कि तुलना में कम विकास हुआ है। यहाँ अन्धविश्वास और पौराणिक मान्यताओ कि वजह से मानव जीवन संकुचित और दयनीय है। यह अशिक्षा, चिकित्सा और सरकारी विकास कार्यक्रमों के अभाव में पिछड़ा हुआ है।


उपसंहार:- ग्राम्य जीवन भारतीय संस्कृति का आइना है यह हमारे जीवन में उन्नति खुशिया और समृधि लानेवाला है अतः हम नागरिको का कर्तव्य है कि इन्हें इर्ष्या, राजनीति, अशिक्षा, बीमारियों और रूढ़िवादिता के दुष्प्रभाव से बचाते हुए उन्नति के रास्ते पर ले चलें।



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