Essay on Dr. sarvepalli radhakrishnan in Hindi - Dr. sarvepalli radhakrishnan par nibandh Hindi mein

Today, we are sharing Simple essay on dr sarvepalli radhakrishnan in Hindi. This article can help the students who are looking for Long essay on dr sarvepalli radhakrishnan in Hindi. This is the simple and short essay on dr sarvepalli radhakrishnan which is very easy to understand it line by line. The level of this article is mid-level so, it will be helpful for small and big student and they can easily write on this topic. This Long essay on dr sarvepalli radhakrishnan is generally useful for class 5, class 6, and class 7, class 8, 9, 10.



essay on dr sarvepalli radhakrishnan in hindi

Essay on dr sarvepalli radhakrishnan in Hindi - dr sarvepalli radhakrishnan par nibandh Hindi mein

भूमिका: डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के पहले उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति थे। इसके अलावा वह जाने-माने शिक्षक और ज्ञानी व्यक्ति भी थे। उनके जन्मदिन के उपलक्ष में ही भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किये। उनके बारे में कहा जाता है कि वह गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देते थे। ताकि गरीब बच्चों भी भविष्य उज्जवल बन सके।


उनके बारे में कहा जाता है कि जब वह देश के राष्ट्रपति बने तो प्राप्त वेतन में केवल 25% वेतन ही लिया करते थे और बाकी का पैसा प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में मानव हित के लिए अनेकों प्रकार के कार्य किए। और आज की तारीख में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। अगर हम उनके जीवनी को ध्यान पूर्वक पढ़ेंगे तो हमे उनसे अनेकों प्रकार की चीजें सीखने को मिलेगी।


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का प्रारंभिक जीवन: डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के थिरुत्तनी में 5 सितंबर 1888 को एक ग्रामीण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी था। इनके पिता एक जमींदार के यहां बहुत ही कम वेतन पर काम किया करते थे। जिसके कारण के घर की माली हालत बहुत ज्यादा खराब थी। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश शिक्षा छात्रवृति के सहारे पूरी की है।


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षा: इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु के क्रिश्चन मिशनरी संस्थान से पूरी की और अपनी बी.ए. और एम.ए. की डिग्री दर्शनशास्त्र में मद्रास क्रिश्चन कॉलेज से प्राप्त की। इसके अलावा उन्होंने उपनिषद, भागवत गीता, शंकर, माधव, रामुनुजा इत्यादि का भी अध्ययन किया। उन्होंने पश्चिमी विचारकों के दर्शनशास्त्रों के साथ ही साथ बुद्धिष्ठ और जैन दर्शनशास्त्र का उन्होंने गहन अध्ययन किया।


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का करियर: उन्होंने दर्शनशास्त्र में M.A. की डिग्री हासिल की। जिसके बाद 1918 में मैसूर यूनिवर्सिटी में दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर बने। हालांकि इस यूनिवर्सिटी में उनको अस्थाई प्रोफेसर 1924 में बनाया गया था। दर्शनशास्त्र पर उनके द्वारा दिये गया लेक्चर बहुत ज्यादा ही प्रभावी होते थे। जिस से प्रभावित होकर उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र पर अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया।


भारत के दर्शनशास्त्र को विश्व के पटल पर प्रचारित और प्रसारित करने के लिए डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अथक प्रयास किये। 1931 और 1939 के समय उन्हें आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया। 1946 मे उन्हें यूनेस्को का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिल्ली विश्वविद्यालय का कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय उनका कार्यकाल 1953 से लेकर 1962 तक रहा। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1952 में देश के पहले उपराष्ट्रपति बने। इसके बाद 1962 से 1967 तक वह देश के राष्ट्रपति भी बने।


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मिलने वाले पुरस्कार: 1954 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत का शर्वेष्ट पुरस्कार भारत रत्न दिया गया। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सन् 1961 में जर्मन बुक ट्रेड के शांति पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। 1963 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ऑर्डर ऑफ मेरिट और 1975 में टेम्पलटन पुरस्कार प्रदान किया गया। उनके बारे में एक बात जो ज्यादा चर्चित है की उनके द्वारा जीते गये पुरस्कार के पैसों को उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी को दान के रूप में दिया था।


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा लिखी पुस्तकें: द एथिक्स ऑफ द वेदांत एंड इट्स मेटाफिसिकल प्रीसपोजीशन (The ethics of the vedanta and its metaphysical presuppositions), द फिलोसोफी ऑफ द रवीन्द्रनाथ टैगोर (The philosophy of rabindranath tagore), एन आडियलिस्ट वियू ऑफ लाइफ ( An Idealist View of Life ), ईस्टर्न रिलिजन एंड वेस्टर्न थोट्स ( Eastern religions and western thought), क्लिक ओन द फ्यूचर ऑफ सिविलाइजेशन ( Click on the Future of Civilization ) और इंडियन फिलासिफी ( Indian Philosophy ) इत्यादि उनके द्वारा रचित प्रमुख पुस्तकें थी।


डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रसिद्ध विचार: इनके अनुसार दर्शनशास्त्र एक प्रकार का रचनात्मक विद्या है और प्रत्येक मनुष्य भगवान की प्रतिमा है। अंतरात्मा का ज्ञान कभी भी नष्ट नहीं होता है। दर्शन का उद्देश्य जीवन के स्वरूप को बदलना नहीं है बल्कि जीवन को बदलना है। उनके अनुसार एक सदी का दर्शनशास्त्र दूसरे सदी का सामान्य ज्ञान है। अगर किसी व्यक्ति के पास दर्शनशास्त्र का थोड़ा सा ज्ञान है तो व्यक्ति अंधकार में हो सकता है।


अगर व्यक्ति दर्शनशास्त्र की गहनता में प्रवेश करेगा तो व्यक्ति का मन धर्म की ओर उन्मुख हो जाएगा। उनके अनुसार धर्म और राजनीति का आपस में कोई भी समानता नहीं है। धर्म इस संसार का सत्य है और राजनीति को सत्य से कोई लेना-देना नहीं है इसलिए इनके बीच में कोई संबंध स्थापित नहीं हो सकता है।


उपसंहार: डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे लिए एक प्रकार के प्रेरणा के स्रोत हैं उन्होंने जिस प्रकार अपने जीवन में देश और लोगों के हित के लिए काम किया है ऐसे में हम सब को उनके जीवन से बहुत कुछ सीखना चाहिए और अगर हम उनके विचारों पर चलते हैं तो यकीनन आपको सफलता प्राप्त होगी और समाज और देश के लिए आप कुछ कर पाएंगे।





F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )

  1. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे ?
  2. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के पहले उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति थे। इसके अलावा वह जाने-माने शिक्षक और विज्ञान व्यक्ति भी थे। उनके जन्मदिन के उपलक्ष में ही भारत में हर वर्ष 5 नवंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

  3. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु कब हुई?
  4. 17 अप्रैल1975 डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु हुई थी।

  5. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पुण्यतिथि?
  6. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पूण्य तिथि 17 अप्रैल है।

  7. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कब हुआ था?
  8. 5 सितम्बर 1888 को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

  9. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म कब और कहां हुआ था?
  10. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के थिरुत्तनी में हुआ था।

  11. 5 सितंबर को क्या मनाया जाता है?
  12. भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

  13. शिक्षक दिवस किसके जन्मदिन पर मनाया जाता है?
  14. शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है।

  15. भारत का प्रथम उप राष्ट्रपति कौन थे ?
  16. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन।

  17. भारत के दूसरे राष्ट्रपति कौन थे
  18. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन।

  19. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न कब मिला?
  20. 1954 में भारत रत्न; इन्हीं का जन्मदिन शिक्षक दिवस।


Students in school, are often asked to write Long essay on dr sarvepalli radhakrishnan in Hindi. We help the students to do their homework in an effective way. If you liked this article, then please comment below and tell us how you liked it. We use your comments to further improve our service. We hope you have got some learning about dr sarvepalli radhakrishnan. You can also visit my YouTube channel which is https://www.youtube.com/synctechlearn.You can also follow us on Facebook at https://www.facebook.com/synctechlearn.

Post a Comment

Previous Post Next Post