[ 750 शब्द ] Essay on parishram ka mahatva in Hindi - Parishram ka mahatva par nibandh Hindi mein

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Essay on parishram ka mahatva in Hindi - parishram ka mahatva par nibandh Hindi mein

भूमिका:- परिश्रम के द्वारा आप अपने जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। दुनिया के महानतम महापुरुषों के जीवनी के बारे में अगर आप किताबों में पड़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि दुनिया के जितने भी बड़े लोग जो अपने क्षेत्र में सफल हुए हैं उसका सबसे प्रमुख कारण था कि उन्होंने दिन-रात परिश्रम किया। जिसके फलस्वरूप वह अपने क्षेत्र में सफल हो पाए। इसलिए अगर आप भी अपने जीवन के किसी लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको परिश्रम तो करना ही होगा।


परिश्रम के द्वारा ही आप अपने द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्य को प्राप्त करेंगे जिसके कारण आप सफलता के मुकाम पर पहुंच पाएंगे। परिश्रम को सफलता की कुंजी कहा जाता है।


परिश्रम का महत्व:- परिश्रम के द्वारा आप दुनिया के असंभव कार्य को भी संभव कर सकते हैं। परिश्रमी व्यक्ति को जीवन में हर कदम पर सफलता प्राप्त होती है। परिश्रम करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में सभी प्रकार के प्रमुख चीजों को प्राप्त करता है, जैसे धन, संपदा, यश, मान-सम्मान और देश के निर्माण में भी अपनी अहम भूमिका निभाता है।


परिश्रमी व्यक्ति कभी भी भाग्य भरोसे नहीं रहता है कि उसके भाग्य में यह चीज नहीं है बल्कि वह अपने भाग्य को भी बदलने का सामर्थ रखता है। परिश्रम करने वाले व्यक्ति भाग्यवादी नहीं बल्कि कर्म वादी होते हैं। वह अपने कर्मों और परिश्रम के माध्यम से जीवन के कठिन से कठिन चीजों को भी प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।


परिश्रम करने के लाभ:- परिश्रम के द्वारा व्यक्ति को अनेकों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं जब कोई मनुष्य अपने जीवन में परिश्रम करता है तो उसका चौमुखी विकास होता है। जिस देश के नागरिक परिश्रमी होते हैं उस देश के विकास को कोई भी रोक नहीं सकता है। इसका ज्वलंत उदाहरण है कि भारत एक विशाल जनसंख्या वाला देश है लेकिन भारत जिस प्रकार तेजी के साथ विकास कर रहा है ऐसे में आने वाले दिनों में भारत दुनिया का सबसे बड़ा विकसित देश बन जाएगा।


इसके पीछे की वजह है कि भारत में रहने वाले व्यक्ति काफी परिश्रमी होते हैं। परिश्रम करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा व्यस्त रहता है। उसके पास बेकार की चीजों के लिए कोई वक्त नहीं होता है। परिश्रम के द्वारा आप सिर्फ धन की प्राप्ति ही नहीं कर सकते हैं बल्कि समाज में आपका मान प्रतिष्ठा भी बढ़ता है। सबसे बड़ी बात है कि परिश्रम करने वाला व्यक्ति हमेशा निरोगी रहता है उसे किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं होती है।


परिश्रम करने वाले लोगों के उदाहरण: इतिहास में आपको ऐसे अनेकों महापुरुष के उदाहरण मिल जाएंगे जिनका जीवन शुरुआत के दिनों में काफी सामान्य था लेकिन उन्होंने अपने परिश्रम के बल पर अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाया था। इस बात का सबसे ज्वलंत उदाहरण हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं । जिनका जन्म एक काफी गरीब परिवार में हुआ था लेकिन उन्होंने अपने अथक प्रयास और परिश्रम के माध्यम से अपने जीवन में उन्होंने जो भी लक्ष्य निर्धारित किए थे उसे पूरा किया।


आज की तारीख में वह देश के प्रधानमंत्री हैं। इसके अलावा भी इतिहास में आपको कई ऐसे महान व्यक्ति मिल जाएंगे जैसे महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल, रानी लक्ष्मीबाई, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ राजेंद्र प्रसाद, भगत सिंह इत्यादि। इसलिए अगर कोई व्यक्ति गरीब भी है तो उसे इस बात की चिंता नहीं होनी चाहिए कि वह गरीब है उसका जीवन हमेशा गरीबी में ही व्यतीत होगा। अगर उसके मन में कुछ बनने और करने की इच्छा है तो अपने परिश्रम के माध्यम से जीवन में वह सभी चीजें प्राप्त कर सकता है।


उपसंहार:- परिश्रम के महत्व के बारे में कबीर दास के दोहे हैं- श्रम ही ते सब होत है, जो मन सखी धीर। श्रम ते खोदत कूप ज्यों, थल में प्रागटै नीर। इस दोहे के माध्यम से कबीरदास कहना चाहते हैं कि व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए परिश्रम तो करना ही होगा परिश्रम के अलावा उसे धैर्य भी रखना होगा। तभी जाकर वह अपने जीवन में सफल हो पाएगा।


इस दोहे के माध्यम से शिक्षा यह मिलती है कि अगर आप अपने जीवन में किसी चीज को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं तो आप कभी भी हार ना माने और धैर्य बनाकर रखें यकीन मानिए एक न एक दिन आपको उस काम में सफलता जरुर प्राप्त होगी। अगर व्यक्ति को अपने जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति करनी है उसे परिश्रम जैसे उपयोगी उपकरण का इस्तेमाल करना होगा।



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