Essay on Swami Vivekanand in Hindi - Swami Vivekanand par nibandh Hindi mein - Short Biography on Swami Vivekanand

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Essay on Swami Vivekanand in Hindi - Swami Vivekanand par nibandh Hindi mein

भूमिका: स्वामी विवेकानंद भारत के एक महान संत विचारक और नेता थे। उन्होंने अपने विचार को पूरे विश्व भर में प्रचारित और प्रसारित किया था। स्वामी विवेकानंद भारत के ऐसे महापुरुष जिन्होंने पश्चिमी सभ्यता को सनातन धर्म के महत्व और उसके इतिहास के बारे में बताया। स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना की। इनकी गिनती भारत के महानतम महापुरुषों में की जाती है।


देश के आध्यात्मिक विकास में इनका योगदान अतुल्य है। उन्होंने अपने कार्य से विश्व जगत को इस बात का अभ्यास करवाया कि भारत एक अध्यात्मिक विश्व गुरु है। इन के गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था। जिनके संपर्क में आने के बाद ही यह महान संत बने। स्वामी विवेकानंद ने वेदांता आंदोलन का नेतृत्व किया था। इसके अलावा भारत के महान हिंदू धर्म ग्रंथ वेद, गीता मे लिखे हुए महान विचारों को विश्व के देशों में पहुंचाने का काम किया।


विवेकानंद का प्रारंभिक जीवन : स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी1864 में कोलकाता में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्र दत्त था। इनके जन्मदिन को भारत में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है । उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था जो कोलकाता के कोर्ट में वकील थे। और उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। स्वामी विवेकानंद के सात भाई बहन थे। उन्होंने भारत के हिंदू धर्म दर्शन और लोगों को विश्व के दूसरे देशों में प्रचारित और प्रसारित किया।


इसके अलावा उन्होंने आधुनिक भारत में हिंदू धर्म को पुनः जागृत किया। उनके पिता तर्कसंगत में एक महान पंडित थे। उनके द्वारा ही स्वामी विवेकानंद ने तर्कसंगत में शिक्षा ग्रहण की।उनकी माता धार्मिक स्वाभाव की थी। माता के द्वारा उन्होंने आत्म नियंत्रण का हुनर सीखा जिसका इस्तेमाल हम समाधि में जाने के लिए करते हैं। जब वह युवावस्था में आए तो वह ब्राह्मण समाज के संपर्क में आए। जहां पर उनकी मुलाकात स्वामी रामकृष्ण परमहंस के साथ हुई।


उनके विचार से स्वामी विवेकानंद बहुत ज्यादा प्रभावित हुए। इसके बाद स्वामी रामकृष्ण परमहंस को उन्होंने अपना गुरु बना लिया। वह बोरानगर मठ मे अपने साधु भाइयों के साथ रहने लगे। स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1902 में हुई जब वह समाधि में लीन थे तभी उन्होंने इस दुनिया को त्याग दिया।


स्वामी विवेकानंद की शिक्षा : बचपन काल से ही स्वामी विवेकानंद ने पढ़ाई लिखाई में काफी मेधावी थे। खेलकूद के विभिन्न कलाओं में वह काफी कुशल थे जैसे कुश्ती, अभिनय, इत्यादि। उन्होंने संस्कृत भाषा में काफी गहन अध्ययन किया था। कोलकाता के सिटी कॉलेज से उन्होंने दर्शनशास्त्र में डिग्री हासिल की थी।भारत के दर्शनशास्त्र को विश्व के कोने में पहुंचाने का श्रेय स्वामी विवेकानंद को ही जाता है।


जब इनके पिता की मृत्यु हो गई तो उनका मन काफी व्याकुल हुआ। और उन्होंने अपना घर द्वार छोड़कर मठ में जाने का निश्चित किया। वहीं पर उनकी मुलाकात रामकृष्ण परमहंस हुई जिसे उन्होंने अपना गुरु माना। वहा वे निर्विकल्प समाधि' से गुजरने के बाद उनका नाम स्वामी विवेकानंद रखा गया। उन्होंने भारत के सभी जगह पर भ्रमण किया। इसके अलावा आगे चलकर उन्होंने रामकृष्ण मठ प्रभार अपने हाथों में ले लिया।


स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण: स्वामी विवेकानंद के जीवनी के बारे में अगर हम पढ़ रहे हैं तो शीकागो भाषण का उल्लेख ना हो या बिल्कुल वैसा ही है जैसा आप कहे कि भगवान इस दुनिया में नहीं है। जब स्वामी विवेकानंद अमेरिका के शिकागो शहर में धार्मिक संसद में गए। उनको देखने के बाद कई लोगों के मन मे सवाल आया कि कैसा व्यक्ति इस सम्मेलन में आ गया है।


लेकिन जब स्वामी विवेकानंद ने भाषण शुरू किया और उन्होंने जिस प्रकार हिंदू धर्म की सभ्यता और संस्कृति के बारे में पश्चिमी देशों को बताया इसके बाद सभी विश्व के लोगों का नजरिया हिंदू धर्म के प्रति बिल्कुल ही बदल गया। उन्होंने विश्व जगत के लोगों को अतिथि देवो भवः सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकार्यता के विषय से परिचित कराया।


उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सभी नदियों का मिलन समुद्र में होता है वैसे दुनिया में जितने भी धर्म है उनका मुख्य मिलान ईश्वर के द्वार पर ही होता है। यह समाज में शांति और अमन को काम करना होगा तभी जाकर हम लोगों के बीच में भाईचारा बना रहेगा ।


स्वामी विवेकानंद के विचार : विवेकानंद धार्मिक विचार के व्यक्ति थे उन्होंने। भारतीय हिंदू धर्म के सभी महान ग्रंथ, वेद, पुराण, महाभारत, रामायण, उपनिषद, इत्यादि का सघन तरीके से अध्ययन किया। और उसमें वह महान पंडित भी थे। इसके अलावा उन्हें संगीत, कला, खेलकूद, आदि में भी बहुत ज्यादा रुचि थी। स्वामी विवेकानंद के बारे में रविंद्र नाथ टैगोर का कहना था" कि अगर आपको भारत को जानना है तो आपको स्वामी विवेकानंद के पुस्तकों को पढ़ना चाहिए" इससे आप पूरे भारत के बारे में जान पाएंगे ।


उन्होंने भारत और विश्व में लोगों का जो हिंदू धर्म के प्रति नजरिया था वह बदलने का कार्य स्वामी विवेकानंद ने किया था। महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदू धर्म का सच्चा अर्थ स्वामी विवेकानंद ने ही बताया है। इसलिए हम सभी को हिंदू धर्म के सच्चे अर्थों को लोगों को बताना चाहिए ताकि जो लोग हिंदू धर्म का गलत अर्थ निकालते हैं उन्हें सही अर्थ मालूम चल सके।


भारत में आध्यात्मिक जागृति लाने का कार्य स्वामी विवेकानंद ने ही किया था, और अरविंद घोष ने इसके लिए उनकी प्रशंसा भी की थी। चक्रवर्ती राजगोपालाचारी जो स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल थे स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा है कि स्वामी विवेकानंद ने हिंदू धर्म को बचाने का कार्य किया है। स्वामी विवेकानंद के द्वारा लिखे गए पुस्तक को पढ़ने के बाद ही सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, अरविंद घोष इत्यादि जैसे महापुरुषों को प्रेरणा मिली।


उपसंहार: स्वामी विवेकानंद हम सबके लिए एक प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने जिस प्रकार हिंदू धर्म के बारे में व्याख्या बताएं शायद ही आज तक किसी महागुरु ने ऐसी व्याख्या हिंदू धर्म के बारे में दिया है। इसके अलावा उनके विचार और आदर्श काफी महान थे। और अगर कोई व्यक्ति उनके विचार और आदेश पर अगर चलता है तो यकीनन उसे जीवन में वह हर चीज हासिल होगा जिसका लक्ष्य उसने बनाया हो।


इसलिए स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में आप सम्मिलित करें ताकि आप का बौद्धिक और मानसिक विकास अच्छी तरह से हो सके। और आपको समझ में आए कि कौन सी चीज आपके लिए सही है और कौन सी चीज सही नहीं है।





F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )

  1. स्वामी विवेकानंद का जन्म कब हुआ था और कहां हुआ था ?
  2. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी1864 में कोलकाता में हुआ था।

  3. स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कब और कैसे हुई ?
  4. स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 1902 में हुई जब वह समाधि में लीन थे तभी उन्होंने इस दुनिया को त्याग दिया।

  5. स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम क्या था ?
  6. इन के गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था।

  7. स्वामी विवेकानंद का बचपन का नाम क्या था ?
  8. उनके बचपन का नाम नरेंद्र दत्त था।

  9. स्वामी विवेकानंद के माता पिता का क्या नाम था ?
  10. उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था।

  11. स्वामी विवेकानंद के पिता क्या करते थे ?
  12. उनके पिताजी कोलकाता के कोर्ट में वकील थे।

  13. स्वामी विवेकानंद किस जाती के थे ?
  14. स्वामी विवेकानंद कायस्थ जाति के थे।

  15. स्वामी विवेकानंद कितने भाई बहन थे ?
  16. स्वामी विवेकानंद कुल 7 भाई बहन थे।


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