[ 350 शब्द ] Essay on doordarshan in Hindi - doordarshan par nibandh Hindi mein

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Essay on doordarshan in Hindi - doordarshan par nibandh Hindi mein

भूमिका:- विज्ञानं ने आजतक हमें बहुत सी चमत्कारिक आविष्कारों को दिया है जिसमे दूरदर्शन एक अद्भुत एवं अत्यंत प्रभावशाली संचार माध्यम है. यह मनोरंजन के दृश्य-श्रव्य साधन के रूप में दुनिया भर में अति लोकप्रिय है. जहाँ रेडियो केवल बोलने वाले की आवाज हम तक पहुँचाता है। वहीं दूरदर्शन वक्ता और उसके आसपास के परिदृश्य का दर्शन भी कराता है।


आविष्कार:- हम मनुष्यों का स्वभाव जिज्ञासु प्रवृति का रहा है। रेडियो के अविष्कार से जब ध्वनि-तरंगों को दूर-दूर तक पहुंचाया जाने लगा। तब दृश्यों को भी तरंगों के माध्यम से संचारित करने का प्रयास प्रारंभ हुआ। अंत में दूरदर्शन का अविष्कार इंग्लैण्ड के वैज्ञानिक जे ० एल ० बेयर्ड ने 1925 ई ० में कई वर्षो के अथक प्रयास के बाद किया। तब से यह दुनिया भर में लगातार विकसित और लोकप्रिय हो रहा है।


कार्यशैली:- जिन-जिन देशो में दूरदर्शन पहुँच चूका है। वहां अनेक छोटे-बड़े दूरदर्शन केंद्र स्थापित है। इन केन्द्रों द्वारा चित्र और ध्वनि को अदृश्य तरंगों में बदलकर वायुमंडल में छोड़ दिया जाता है। इन तरंगों को हर टेलीविजन-सेट अपने विभिन्न पुर्जों कि सहायता से ग्रहण करता है। और अपने परदे पर उपस्थित करता है।


लाभ:- अपने नाम के अनुकूल दूरदर्शन दूर-दराज कि घटनाओं एवं विभिन्न गतिविधियों से हमें अवगत कराता है। यह कृषि, स्वास्थ्य, मौसम, देश-विदेश कि स्थिति चिकित्सा आदि से सम्बंधित नवीन ज्ञान को हम तक पहुँचाता है। यह मनोरंजन का सबसे आसान और घरेलु साधन है।


इसके द्वारा हम मनपसंद खेलों और महत्वपूर्ण घटनाओं का सचित्र और सीधा प्रसारण भी देख पाते है। इसपर प्रसारित होनेवाले नृत्य-संगीत के कार्यकर्म सिनेमा और महान हस्तियों से साक्षात्कार हमारा मनोरंजन करते है।


हानी:- इससे समय कि बर्बादी होने का खतरा रहता है। बच्चे ज्यादा समय इसके साथ गुजारते है। जिससे उनकी पढाई बाधित होती है। अधिक समय तक दूरदर्शन का प्रशारण देखने से चर्म और नेत्र-रोग भी हो सकते है।


उपसंहार:- इसने आधुनिक मानव-जीवन के आँगन में सम्पूर्ण विश्व को ला खड़ा कर दिया है। इसका उपयोग हमें संरचनात्मक दृष्टिकोण से करना चाहिए।



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