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Jalvayu Parivartan par nibandh Hindi mein
भूमिका: जिस प्रकार पृथ्वी का जलवायु परिवर्तन तेजी के साथ हो रहा है अगर ऐसे में इसे ना रोका गया तो पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। क्योंकि जब मौसम का संतुलन अगर बिगड़ गया तो कहीं पर अधिक गर्मी तो कहीं पर अधिक ठंड, तो कहीं पर अधिक वर्षा जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। ऐसे में मानव का जीवन जीना दुर्बल हो सकता है। इसलिए हमें जलवायु परिवर्तन को रोकना होगा तभी जाकर हमारा जीवन का अस्तित्व इस पृथ्वी पर बच पाएगा।
जलवायु परिवर्तन क्या है: एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम के औसत स्थिति को हम लोग जलवायु परिवर्तन कहते हैं। आसान शब्दों में समझें तो जलवायु परिवर्तन का मतलब होता है कि किसी किसी क्षेत्र में अगर लगातार ठंड या गर्मी पड़ रही है और वहां पर मौसम में किसी प्रकार का बदलाव नहीं हो रहा है तो उसे हम लोग जलवायु परिवर्तन कहते हैं।
ऐसी स्थिति में मानव का जीवन खतरे में पड़ सकता है अगर इसी तरह लगातार जलवायु परिवर्तन होता रहा तो पृथ्वी पर उपस्थित ग्लेशियर जो बर्फ के रूप में है वह जल में बदल जाएंगे। और अगर ऐसा होता है तो पुरे दुनिया में सुनामी जैसी खतरनाक समुद्री तूफान आ सकता है। जिसके बाद इस पृथ्वी पर जीवन का नामोनिशान नहीं रहेगा। 19वीं सदी की तुलना में आज धरती का तापमान लगभग 1.2 सेल्सियस अधिक बढ़ चुका है। इसके पीछे की वजह वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा की वृद्धि का होना है।
जलवायु परिवर्तन के विभिन्न कारण: विभिन्न बाह्य एवं आंतरिक तंत्रों में बदलाव की वजह से जलवायु परिवर्तन होता है। जो निम्न प्रकार है:-
- ज्वालामुखी विस्फोट: ज्वालामुखीय विस्फोट के कारण वायुमंडल में so2 गैस की मात्रा में वृद्धि हो रही है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन की जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है।
- सौर ऊर्जा का उत्पादन: जिस दर से पृथ्वी को ऊर्जा प्राप्त हो रही है उसके कारण पृथ्वी के तापमान में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और जो जलवायु परिवर्तन की समस्या को उत्पन्न कर दी है।
- प्लेट टेक्टोनिक्स: टेक्टोनिक प्लेटों की गति लाखों वर्षों की अवधि में जमीन और महासागरों को संगठित कर नए प्रकार के स्थल कृतियां निर्माण करती है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है।
- पृथ्वी की कक्षा में बदलाव: पृथ्वी की कक्षा में बदलाव होने के कारण पृथ्वी को सूर्य की किरणें पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन जैसे समस्या उत्पन्न हो रही है।
- मानवीय गतिविधियां: जीवाश्म ईंधनों के दहन की वजह से उत्पन्न CO2, गाड़ी के द्वारा उत्पन्न हानिकारक गैसें, इसके अलावा वनों की लगातार कटाई और कई अनैतिक अमानवीय गतिविधियों के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव:-
- वनों पर प्रभाव: पेड़ पौधे वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को अवशोषित कर ऑक्सीजन का अधिक मात्रा में उत्पादन करते हैं। जिसके कारण हमारे वायुमंडल में कार्बन ऑक्साइड की मात्रा नियंत्रित होती है। लेकिन जिस प्रकार वनों की लगातार कटाई हो रही है उसके कारण वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी हो रही है और कार्बन ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है। इसलिए जलवायु परिवर्तन का एक बड़ा कारण पेड़ों की कटाई है।
- ध्रुवीय क्षेत्रों पर प्रभाव: हमारे ग्रह के उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव इसके जलवायु को संचालित करने के लिए आवश्यक है। लेकिन जिस प्रकार जलवायु परिवर्तित हो रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में यहां पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और जो भी जीव जंतु की प्रजातियां यहां पर निवास करती है वह पूरी तरह से विलुप्त हो जाएंगी।
- जल पर पड़ने वाले प्रभाव: जलवायु परिवर्तन ने जलवायु प्रणाली को पूरी तरह से प्रभावित किया है। इसी के कारण लगातार बाढ़ और समुद्री तूफान जैसे चीजें आ रहे हैं। जिससे कई लाख लोगों के जीवन बर्बाद हो जा रहे हैं और लोगों की मृत्यु भी हो रही है। इसलिए जलवायु परिवर्तन को अगर ना रोका गया तो ऐसे लगातार बाढ़ और समुद्री तूफान आते रहेंगे और लोगों की मौत होती रहेगी।
- वन्य जीवन पर प्रभाव: बाघ, अफ्रीकी हाथियों, एशियाई गैंडों, एडली पेंगुइन और ध्रुवीय भालू सहित विभिन्न जंगली जानवरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
जलवायु परिवर्तन को रोकने के उपाय:-
- जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए शिक्षा के उच्च स्तर पर शुरू कर देना चाहिए।
- प्रदूषण से संबंधित सरकारी कानूनों को उच्च स्तर पर लागू करना चाहिए। इन कानूनों के सहारे हम पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त कर के जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित कर सकते हैं।
- सभी फ्रिज, फ़्रीज़र और एयर कंडिशनिंग यूनिट में केमिकल रेफ़्रिजरेंट्स होते हैं, जो कि पर्यावरण के लिए ख़तरनाक होती हैं। अत: इसके विकल्प की तलाश करनी चाहिए।
- बांस दुनियाभर में सबसे तेजी से बढ़ने वाला पौधा है जो कि पर्यावरण के लिए बेहद लाभकारी साबित होता है। बांस के पेड़ को अधिक से अधिक लगाना चाहिए।
F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )
- जलवायु परिवर्तन किसे कहते है ?
- जलवायु परिवर्तन को अंग्रेजी में क्या कहते है ?
- विश्व जलवायु परिवर्तन दिवस कब मनाया जाता है ?
एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम के औसत स्थिति को हम लोग जलवायु परिवर्तन कहते हैं।
जलवायु परिवर्तन को अंग्रेजी में क्लाइमेट चेंज ( Climate Change ) कहते है।
विश्व जलवायु परिवर्तन दिवस पर्त्येक वर्ष 15 मई को मनाया जाता है।
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